Saturday 17 June 2017

*वैचारिक आकलन -*


एक पुत्र अपने पिता के विषय में उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर क्या विचार रखता है....
*4 वर्ष :* मेरे पापा महान हैं ।
*6 वर्ष :* मेरे पापा सबकुछ जानते हैं , वे सबसे होशियार हैं ।
*10 वर्ष :* मेरे पापा अच्छे हैं , परन्तु गुस्से वाले हैं ।
*12 वर्ष :* मैं जब छोटा था, तब मेरे पापा मेरे साथ अच्छा व्यवहार करते थे ।
*16 वर्ष :* मेरे पापा वर्तमान समय के साथ नहीं चलते, सच पूछो तो उनको कुछ भी ज्ञान ही नहीं है !
*18 वर्ष :* मेरे पापा दिनों दिन चिड़चिड़े और अव्यवहारिक होते जा रहे हैं ।
*20 वर्ष :* ओहो... अब तो पापा के साथ रहना ही असहनीय हो गया है....मालूम नहीं मम्मी इनके साथ कैसे रह पाती हैं ।
*25 वर्ष :* मेरे पापा हर बात में मेरा विरोध करते हैं , कौन जाने, कब वो दुनिया को समझ सकेंगे।
*30 वर्ष :* मेरे छोटे बेटे को सम्भालना मुश्किल होता जा रहा है... बचपन में मैं अपने पापा से कितना डरता था ?
*40 वर्ष :* मेरे पापा ने मुझे कितने अनुशासन से पाला था, आजकल के लड़कों में कोई अनुशासन और शिष्टाचार ही नहीं है।
*50 वर्ष :* मुझे आश्चर्य होता है, मेरे पापा ने कितनी मुश्किलें झेल कर हम चार भाई-बहनों को बड़ा किया, आजकल तो एक सन्तान को बड़ा करने में ही दम निकल जाता है।
*55 वर्ष :* मेरे पापा कितनी दूरदृष्टि वाले थे, उन्होंने हम सभी भाई-बहनो के लिये कितना व्यवस्थित आयोजन किया था, आज वृद्धावस्था में भी वे संयमपूर्वक जीवन जी सकते हैं ।
*60 वर्ष :* मेरे पापा महान थे, वे जिन्दा रहे तब तक हम सभी का पूरा ख्याल रखा।
सच तो यह है की..... पापा ( पिता ) को अच्छी तरह समझने में पूरे 60 साल लग गये ।

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