Thursday 6 April 2017

Suprabhat

चलो बांट आए मुस्कुराहट,
खिल उठेगी जिंदगी।
चलो बांट आए अपनापन,
महक उठेगी जिंदगी।
कर लें दिलों से गठ बंधन,
संवर उठेगी जिंदगी।

तपती रात के बाद शीतल भोर के सुकून सा गुजरे आज का दिन.....

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