Wednesday 3 May 2017

poem of the day

एक रूमानी कवि :
अभी ना जाओ
छोड़ कर कि
दिल अभी
भरा नहीं
एक दार्शनिक कवि :
मै
पल
दो पल का
शायर हूँ
🔹
एक खिन्न कवि :
कभी कभी
मेरे दिल में
खयाल आता है
🔸
एक समर्पित कवि :
मेरे दिल में
आज क्या है
तू कहें तों
मैं बता दूँ
🔹
एक जीवन से संतुस्ट कवि :
मांग के
साथ
तुम्हारा
🔸
एक प्रेमिका से समझोता
करने वाला कवि :
चलो
इक बार
फिर से
अजनबी
बन जाए
हम दोनों
🔹
एक उदास कवि :
जाने वो
कैसे लोग थे
जिनके
प्यार को
प्यार मिला
🔸
एक निश्चित कवि :
मैं
जिंदगी का
साथ
निभाता चला
🔹
एक असांसारिक कवि :
ये दुनिया
अगर
मिल भी जाए
तो क्या है
🔸
एक देशप्रेमी कवि :
ये
देश है
वीर
जवानों का
🔹
एक विद्रोही कवि :
जिन्हें
नाज़ है
हिंद पर
वो
कहाँ है
🔸
एक निराशावादी कवि :
तंग
आ चुके है
कशमकश-ए-जिंदगी से
हम
🔹
एक मानवतावादी कवि :
अल्ला
तेरो नाम
ईश्वर
तेरो नाम
🔸
एक धर्मनिरपेक्ष कवि :
तू
हिंदू
बनेगा
ना
मुसलमान
बनेगा
🔹
एक छेड़छाड़ करनेवाला कवि :
ए मेरी
जोहराजबी
तुझे
मालूम नहीं
🔸
एक याद ताज़ा करनेवाला कवि :
जिंदगी भर
ना
भूलेगी
ये
बरसात की
रात
इन सभी कवियों का एक ही नाम है :
साहिर लुधयानवी
उनके 94 वें वर्षगांठ पर उन्हें सलाम ।

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