Wednesday 15 November 2017

जो दिया तूने वो भी सभी को नसीब नही होता !!

प्यास लगी थी गजब की ....मगर पानी में जहर था ...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...
बस यही दो मसले ज़िन्दगी भर हल ना हुए
ना नींद पूरी हुई, ना ख़वाब मुकम्मल हुए .
वक्त ने कहा काश, थोड़ा और सब्र होता...
सब्र ने कहा काश, थोड़ा और वक्त होता...
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने क लिए ..
"आराम कमाने निकलता हु आराम छोड़कर"
"हुनर" सड़को पर तमासा करता है और
"किस्मत" महलों में राज करती है .
"शिकायते" तो तुझसे बहुत है ये जिन्दगी,
पर चुप इसलिए हु कि.......
जो दिया तूने वो भी सभी को नसीब नही होता !!!!!!!!!!!!!

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