Monday 11 December 2017

बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी

"बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी,
आज हालात देखकर लगता है,
कहीं वो "ऊपर-वाले" को तो नहीं लग गया !"

लड़की ट्रेन में एक लड़के से बोली

लड़की ट्रेन में एक लड़के से बोली : क्या मैं यहां बैठ सकती हूं।
लड़का : हां हां, बिल्कुल अपनी ही सीट समझो।
लड़की : क्या मैं आपकी बोतल से थोड़ा पानी पी सकती हूं।
लड़का : हां हां, जरूर।
लड़की : अगला स्टेशन कौन सा है भैया।
लड़का: मेरे दिमाग में कोई जीपीएस नहीं लगा है। जल्दी सीट खाली करो, मुझे नींद आ रही है।